બીજી મા સિનેમા : ઋષિ દવે
Published By : Aarti Machhi
વિશ્વના 66 દેશોના એક કરોડમાં દશ લાખ ઓછા એટલે કે 90 લાખ યુવાનો, ઉદ્યોગસાહસિકો, બ્યુરોક્રેટસ, શિક્ષકો, પ્રધ્યાપકો, આચાર્યો, પ્રાચાર્યોને 60 મિનિટથી માંડીને 60 કલાક સુધીની ઘનિષ્ઠ તાલીમ અસ્ખલિત વાણીમાંઆપતા આવ્યા છે. આંતરરાષ્ટ્રીય તજજ્ઞોના સર્વેક્ષણ અનુસારના આંકડાઓ અને ભારતીય સંસ્કૃતિની અસ્મિતા અને ગરિમાને અનુરૂપ પ્રવચનશૈલી આપનાર જે શાળા, મહાશાળા અનેવિશ્વવિદ્યાલયના વિદ્યાર્થીઓથી માંડીને કુલપતિ રસતરબોળ થઈ સમયનું ભાન ભૂલીને TIME MANAGEMENT, TEAM BUILDINGના પાઠ શીખે એવા પ્રખર વક્તાને 67 મિનિટ સાંભળવાનો લ્હાવો ભરૂચની એમિટી સ્કૂલના 39માં શાળા સ્થાપના દિવસે, 71 વિદ્યાર્થી ભાઈ બહેનોના સન્માન સમારંભના સાક્ષી બનવાનું સદભાગ્ય સાંપડ્યું. પાંચ કલાકે કાર્યક્રમ શરૂ થયો, 6 કલાકને 17મી મિનિટે મુખ્ય વક્તા Dr. Pawan Dwivediએ પોડિયમ છોડી, સ્ટેજની ગરીમા સચવાય એમ સિંહ ગર્જના કરે એવા અવાજ સાથે વક્તવ્ય આપવાનું શરૂ કર્યું.
सब अपने दोनों हाथ ऊपर करके बोलो भारत माता की जय’ वंदे मातरम’ અમેરિકાએ ભારતને કહ્યું, અમારા પ્લેન ભારતમાં ઉતરી, પેટ્રોલ ભરશે અને ઇરાક પર બોમ્બ વર્ષા કરશે. આપને ખબર છે આવું બન્યું હતું ? ભારતે આપણું સોનું ગીરવે મૂકેલું ? શું આપને ખબર છે ? ઇન્ડિયન એક્સપ્રેસમાં આનો ઘટસ્ફોટ થયો અને ભારતના પ્રબુધ્ધ નાગરિકોને ખબર પડી કે આપણા દેશનું સરકાર દ્વારા સોનું ગીરવે મૂકવામાં આવ્યું હતું? કારણ આ સમયમાં આપણે કંગાળ બની ગયા હતા. આવા વૈધક સવાલોની ઝડી વરસાવી એમને કહ્યું આમાંથી ઉગરવાનો એક જ ઉપાય હતો, ગ્રીન રિવોલ્યુશન.
सबसे सस्ता, टिकाऊ, सबसे अच्छा जो बनाये એવા skill યુવાનોની ભારતમાં ખોટ નથી જરૂર છે એમને જગાડવાની. કોઈ પણ ક્ષેત્રમાં shortcut અપનાવવો નહિ. No shortcut.
हमारे भारतवर्ष की संस्कृति विश्व में सबसे भिन्न है| हम कभी नहीं शिखाते खून का बदला खून| अगर Talent चाहिए तो हमारे द्वार खुले हैं| अगर टेररिस्ट चाहिए तो पड़ोसी देश में जाव | एक बात समझ लो टेक्नोलॉजी कभी मेनपावर रिप्लेस नहीं करती| जिसके पास आगे बढ़ने की, जमाने के साथ चलने की तैयारी नहीं है | जो अपने को Upgrade नहीं करता वह रिप्लेस होता है, मैन मैन को ही रिप्लेस कर शकता है|

एक बात सुनने को मिलती है, प्रेशर मत लो. यह बिल्कुल गलत है | अपनी Capacity अगर है, उसको मौका दो, कोरोना के समय जो वैक्सीन 20 वर्ष के संशोधन बाद वैज्ञानिक शोध सकते थे हमारे हिंदुस्तान के साइंटिस्ट ने 7 महीने में शोध निकाली| उसमे 800 वैज्ञानिक थे जिसमे 700 महिलाएं थी, यह है नारी शक्ति का प्रमाण | आजकी नारीने यह सिद्ध कर दिया है कि हम सिर्फ जन्म देने वाली जन्मदात्री नहि है, जन्म देने के बाद हमारा कर्तव्य है कि हमने जिसको जन्म दिया है उसको जीवित भी रखना है |
थोड़े ही महीने में बुलेट ट्रेन चलेगी, उसकी स्पीड होगी 350/क्लाक | सभी को उसमें एकबार सफर करने की इच्छा होगी | कोई ऐसा है जो सोच रहा है मैं बुलेट ट्रेन चलाऊंगा, मैं इंजीनियर हूं, मैं स्टेशन पर से बुलेट ट्रेन पास होगी तब सिग्नल दूंगा, बुलेट ट्रेन में सफर करना आसान है, अगर पैसा और वक्त है वह मुसाफर बन सकता है | मगर विकसित भारत का नागरिक यह मुराद रखेगा मैं बुलेट ट्रेन का कही न कही हिस्सा बनुंगा | यही हमारे युवाओ की सच्ची पहचान है |
मध्य प्रदेश और राजस्थान, गुजरात की बॉर्डर पर दाहोद है वहा 28 हजार करोड़ की फैक्ट्री बनने वाली है | आप इतना सोचो कि वहां कौन से फील्ड के व्यक्ति को अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा, अपना करियर उस दिशा में निश्चित करो |
धोलेरा में सेमीकंडक्टर चीप बनाने का प्रोजेक्ट सरकार लगाने वाली है| वहां आईटी में करियर बनाने वाले पहुंच जाये| कोई बेकार नहीं रहेगा यह मेरा वादा है |
अपना पड़ोसी देश चायना | आप क्या जानते हो उसके बारे में | चायना में 28 लाख फैक्टरी है | भारत में 2 .50 लाख फैक्टरी है | जरा सोचो 25.50 लाख फैक्टरी चायना से कम है | चायना में ट्रांसपोर्टेशन खर्च 40 पैसा है, भारत में ट्रांसपोर्टेशन खर्च 7 रूपीस है | हमारे यहां 6 Lane Highway बन गये | लेकिन हर घंटे 19 accident होते हैं, क्योंकि ट्रैफिक सेंस नहि| अगर भरूच में सभी वाहन चालक ट्रैफिक रूल का पालन करें तो मिनिमम 1000 रू. पेट्रोल की बचत सभी को होगी | लेकिन यह करता कौन है, सब को नियम तोड़ने में अपनी होशियारी दिखती है| पेरेंट्स को अपने संतान को इसके बारे में स्ट्रिकट होकर चेतावनी देनी पड़ेगी |
ऑस्ट्रेलिया 1 वर्ष में जितना अनाज उपभोग करता है, भारत में 1 वर्ष में उतना अनाज को हम बिगड़ते हैं |
अगले 10 वर्ष में भारत में 40 हजार पायलोट चाहिए | इसके लिये आज के युथ को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना पड़ेगा | इसके लिये खाने की आदत में मिलेट फूड को प्राधान्य देना पड़ेगा | पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता, पाऊभाजी, पानीपुरी, मेगी को बाय बाय करना पड़ेगा | खून बने और खोपड़ी तक पहुंचे, एसी तरकीब अमल में लानी पड़ेगी | खोपड़ी को 25% खून चाहिए | वहां तक पहुंचाने के लिये जो भी करना है उसको अमल में लाना पड़ेगा |
अपने आप को equip करो, Upgrade करो | अपने देश का भविष्य युवानो के हाथ में है | आज से आपने जो Achieve किया है उसके साथ आपकी Responsibility बढ़ रही है | आप Role Model हैं Developing India के | भारत माता की जय, वंदे मातरम ।