બીજી મા સિનેમા : ઋષિ દવે
यह हाथ नहि ढाई किलो का हथौड़ा है | नॉर्थवालोने तो देख लीया है, अब साउथवालों को दिखाने आया हूं
सनी देओल : जितनी बार उनकी फिल्म में entry होती है धमासान हो जाता है | मैं किसान हूं, मेरा इस धरती की मिट्टी से पुराना रिश्ता है, दूसरा मातृभूमि से |
तीन केरेक्टर ऐसे है जिन पर पूरी फिल्म शुरू से अंत तक टीकी हुई है |
- राम सुबा रेड्डी
- सोमुलु ( विनीतकुमार सिंघ)
- राणा तुंगा (सोनू सूद)
पहेली हिंदी फिल्म में खलनायक की पत्नी हाथ में तलवार ले के उसे जो भी दुश्मन लगता है उसका धड़ शरीर से अलग कर देती वो भी एक ही झटके में | भारती (रेगीना कसानदा)
गोपीचंद माली ने कहानी लिखी और दिग्दर्शन भी कीया, नवीन नुलीने एडिटिंग किया है, एस.थामन संगीतकार और इर्शाद कामील गीतकार है | शोबी पायुलराज कोरियोग्राफर, कलाकार के कोशच्युम राजेश फार्मसुने डिजाइन किये है |
- सनी देओल : ब्रिगेडियर बलवंतसिंह प्रताप जाट बटालियन का कमांडर जिस पर इतने भी वार हो जाए वह कभी हार नहीं शकता, सामने वालो को कभी जितने नहि देता |
खूनामर्की, हत्या, बेरहेमी से हत्या का अतिरेक दर्शक कल्पना भी नहि कर शकता कि कितने को काट दिया, रॉकेट लॉन्जर ले के सनी देओल जब सामने आता है दर्शक के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | आर्चरी से एक साथ छह के शरीर में बाण आरपार निकालता है| जिसने भी फाइट सीन को निर्देश कीया है उसको सो सो सलाम | पुलिस ऑफिसर विजया लक्ष्मी (सेयामी खेर) के साथ 6 पुलिस महिलाओं को बंदी बनाने और बलात्कार करना रोंगटे खड़ा कर देता है | अंत में पुलिस चौकी में जो फाइट सीन्स है दिमाग की बत्ती चलाने वाले है |
वतनपरस्ती, देशभक्ति, और दो गाने फिल्मों को ताकत देते हैं|
1 दिल तुझको दूँगी पहेले Sorry बोल
2 ओ रामा, श्री रामा….
- उस युग में रावण को मारने के लिए राम आए थे
अब यहां मेरा राज है
ना कोई भगवान आएगा
यहां सिर्फ मेरा राज चलता है - चालीस गांव मेरे रियासत है |
- एक लड़की राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश के मोटूपल्ली गांव में राणा तुंगा का आतंक है
मदद की गुहार लगाती है | यह देखना है तो फिल्म देखे और मातृभूमि का गर्व महसूस करे |