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अेमिटी स्कूल में पर्यावरण के संदर्भ में प्रोजेकट का गांधी जयंती के अवसर पर प्रारंभ हुआ : ‘Reduce Reuse Recycle स्वच्छता ही संकल्प हमारा है’

Blog by : Rushi Dave

Published By : Aarti Machhi

अेमिटी स्कूल का स्थापना काल से एक ध्येय रहा है, कुछ अलग करके अपने छात्रों के जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए सक्षम बनाना| हर साल दो अक्टूबर को एक विषय पर अेमिटी परिवार परिणामलक्षी प्रोजेक्ट बनाती है| इस साल RRR : The Gandhian Way Of Living विषय पर विस्तार से काम करने के लिये गुजरात विधयापीठ अहमदाबाद से सिनियर प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ़ एज्युकेशन से डॉ. भरत जोशी को आमंत्रित किया गया | गांधी जयंती के अवसर पर ‘वैश्नवजन तो तेने रे कही ये’ भजन मास्टर कोरलवालाने वाजापेटी बजाते हुए गाकर वातावरण बना दिया | को-ऑर्डिनेटर निवेदिता चट्टोपाध्याय ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बताइ | श्रीमती तोरल पटेलने डॉ. भरत जोशी का परिचय देते हुये बताया कि गांधी विचारधारा को लेकर जो जी रहे हैं उसका उत्कृष्ट उदाहरण डॉ. भरत जोशी है | 

सुनो सुनो सुनो बात पते की
प्रकृति की भाषा बोलो
पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ
Reduce Reuse Recycle
नये भारत का नारा है
स्वच्छता ही संकल्प हमारा है

इस गीत के साथ गुजरात बोर्ड अंग्रेजी माध्यम के विधार्थी भाई बहनोने स्टेज को स्वच्छता के नारो से गूंजाया|

अेमिटी परिवार ने अेश्वर्या कॉलोनी के अेक्टिव सदस्य श्री महेशभाई राठौड़ और उनके धर्मपत्नी को 8 सितंबर को भारी बारिश हुई और अेमिटी कंपाउंड में पानी भर गया इस वक्त पानी निकालने के लिए मोटर, पाइप, इलेक्ट्रीश्यन, प्लंबर सबको इकठ्ठा करके 2 घंटे में रास्ता साफ कर दिया उसके लिए सम्मानित किया|

9 वी कक्षा की 6 विध्यार्थीओने ‘स्वच्छता की ज्योत जगानी’ है गीत पर नृत्य करके सबको करतलध्वनि करने के लिए मजबूर किया|

डॉ भरत जोशी ने बताया कि गुजरात के 18000 गांव है, आगामी दिनों में 10 से 12 हजार गांव में जाकर वहां की संस्कृति, रहेन-सहेन,  आवश्यक चीजों की जानकारी लूंगा| वास्तव में शहर में रहने वालों का गांव से संपर्क टूट रहा है| गांव में अभी भी भावनात्मक संबंध बंधे रहते हैं| 

प्रकृति प्रत्येक दिन किसी भी भेदभाव न रखते हुए देती है| हम उसे विशेष दिन बनाने के लिए कोई न कोई निमित ढूंढते हैं| पुराणों में अंगीरा ऋषि की एक बात मुझे गांधी जयंती के अवसर पर शेर करने में आनंद आता है| अंगीरा ऋषि के शिष्य ने पूछा गुरुचर्य, सबसे अच्छा मुहूर्त कौन सा होता है | अंगीरा ऋषि बोले ‘अंगीरा मन उत्साह’ जिस समय मन में उमंग है, उत्साह है वही मुहूर्त सबसे अच्छा| 

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म रेटिया बारस श्राद्ध पक्ष में हुआ था | सामान्यतः हम श्राद्ध पक्ष में नये काम का प्रारंभ करना टालते हैं| मोहन ने श्राद्ध में जन्म लिया और महात्मा बन गया|

ध्येय को सिद्ध करने का मनसूबा बना लो| जब हम पढ़ते हैं तो मस्तिष्क का विकास होता है, पूरे शरीर का नहीं| पूरे शरीर का विकास करने के लिए परिश्रम जरूरी है हृदय से किसी भी काम के साथ जुड़ने की जरूरत है |  तब खंडनात्मक प्रवृति से हम दूर हो जाएंगे| समाज उपयोगी काम करने में आनंद मिलेगा |

सबसे पहले
Live for yourself स्वयं के लिये जीयो | 
Let others live दूसरों को जीने दो |
Live for others औरो के लिए जीयो | 

सुबह से रात तक हम कितनी चीजों का उपयोग करते हो उनकी लीस्ट बनाके देखो फिर उसमें से कितनी चीज के बगैर हम जी सकते हैं वह शॉर्ट लिस्ट कीजिए| यह है Reduce. जो भी चीज है उसका पूर्ण रूप से उपयोग करने की आदत डालो| जब उसमें कुछ न बचा हो तो उससे Recycle हो सकता है वह चकासो। शेम्पू , कंडीशनर ,Male, Female, Shampoo, Soap, Perfume आ गया। जरा सोचो यह सब Marketing है|

गाँधीजी एक दिन साबरमती नदी के किनारे दातुन करने बैठे थे, साथ मै एक लोटा था। उन्होंने लोटा में नदी से पानी भरा और दातुन करने लगे। वहाँ से एक आश्रमवासी गुजर रहा था उसने पूछा बापु, इतना सारा पानी है और आप नदी में से एक लोटा भर रहे हो? बापु ने जवाब दिया, ‘मुझे जितना चाहिए उतना पानी लोटे में ले लिया। नदी का पानी सार्वजनिक है, बाकी लोगो,  पशु, पक्षी के लिए मै ज्यादा पानी लेकर उसका बगाड़ नहीं कर शकता।‘

Sustainable Society समतोषी समाज 1996में UNESCO ने Education 24 Century 4 pillars बताये व्यक्ति,परिवार,समाज, देश| यह सब को साथ मीलकर रहेना है और Enviroment Sustainability पृथ्वी ,हवा ,पानी और वनस्पति को साथ में रखकर जीना है। उन सबकी देखभाल करनी है।  हम यह सबको नुकसान पहुचाते है इसीलिए से Central Goverment में मंत्रालय है जो नदीया साफ करने के लिए करोड़ो रुपिया खर्च करती है। कोरोना के समय गंगा, यमुना के किनारा स्वच्छ आपोआप थे क्योंकि उनके पास जाकर उसको बिगाड़ने वाला घर मे कोरोन्टाइन हो कर बैठा था। स्वच्छता दूसरो का काम है मैं तो स्वच्छ चीज़ो का उपभोग करुगा यह विचारधारा गलत है। मैं हमेंशा एसा विचार करू कि मुझसे कोई गंदकी उत्पन्न न हो| अपनी विचारधारा बदलो, देश बदलेगा।

सात सामाजिक पाप

बिना काम के धन Wealth without work

चरित्र के बिना ज्ञान Knowledge without character

विवेक के बिना आनंद Plesure without conscious

नैतिकता के बिना व्यापार Commerce without Morality

मानवता के बिना विज्ञान Science without humanity

त्याग के बिना पूजा Religious without sacrifice

सिद्धांत के बिना राजनीति Principle Ethics Without Politics

मेनेजिंग ट्रस्टी आर एम शाह सर ने डॉ भरत जोशी का अभिवादन किया, केम्पस डायरेक्टर श्री प्रकाश मेहता ने आभारदर्शन किया | समग्र कार्यक्रम का समयबध्ध संचालन CBSE के प्रिंसिपल श्रीमती रीना तिवारी ने करके ऐसी भावना व्यकित की के अेमिटी परिवार का स्वच्छता ही संकल्प हमारा है हंमेशा रहेगा |

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